Bagbera Rural Water Supply Scheme Protest – बागबेड़ा महानगर विकास समिति के नेतृत्व में जलापूर्ति योजना की मांग को लेकर एकदिवसीय धरना आयोजित किया गया। समिति के अध्यक्ष सुबोध झा के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम को ज्ञापन सौंपा।
जलापूर्ति योजना में भ्रष्टाचार के आरोप
धरना प्रदर्शन के दौरान समिति ने आरोप लगाया कि बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना, जिसकी आधारशिला 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा रखी गई थी, अब तक पूरी नहीं हुई। इस परियोजना के लिए 237.21 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी, लेकिन जनता को अब तक पानी नहीं मिला। इसी तरह, बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के फिल्टर प्लांट की मरम्मत के लिए स्वीकृत 21.63 लाख रुपये भी कथित रूप से गबन हो गए।
समिति के अनुसार, उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद भारत सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 50.58 करोड़ रुपये की नई मंजूरी दी थी, लेकिन योजना के कार्यान्वयन में लगातार देरी हो रही है। 26 जुलाई 2024 तक सभी घरों में पानी पहुंचाने का वादा किया गया था, जो अब तक अधूरा है।
धरना प्रदर्शन में उठाई गई मांगें
समिति ने सरकार के समक्ष कई प्रमुख मांगे रखी हैं:
- बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और फंड गबन के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
- बागबेड़ा, घाघीडीह, करनडी, परसूडी और किताडीह को जुगसलाई नगर पालिका में शामिल किया जाए या बागबेड़ा को नगर परिषद का दर्जा दिया जाए।
- स्टेशन से बडौदा घाट तक जाने वाले पुल का निर्माण शीघ्र पूरा किया जाए।
- जब तक जलापूर्ति योजना पूरी नहीं होती, टाटा स्टील, तारापुर कंपनी और जल एवं स्वच्छता विभाग के 30 टैंकरों से बस्तियों में पानी पहुंचाया जाए।
- बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी में फिल्टर प्लांट निर्माण के साथ सुरक्षा दीवार बनाई जाए।
- बागबेड़ा की विभिन्न कॉलोनियों और बस्तियों में जलापूर्ति पाइपलाइन का विस्तार कर सभी घरों को पानी कनेक्शन दिया जाए।
- पाइपलाइन बिछाने के लिए किए गए गड्ढों को जल्द भरा जाए।
- जलापूर्ति योजना के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के उपयोग की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो।
धरना प्रदर्शन के दौरान समिति ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे और बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। सुबोध झा ने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण जनता 11 वर्षों से पीने के पानी के लिए तरस रही है।
इस मुद्दे पर सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन का कहना है कि जलापूर्ति योजना को जल्द पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से बागबेड़ा के नागरिकों ने अपनी आवाज बुलंद की है, अब देखना यह होगा कि सरकार उनकी मांगों पर कितना ध्यान देती है।