बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंदुओं पर हमले से वहां की गारमेंट इंडस्ट्री गहरे संकट में है। गारमेंट सेक्टर बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, लेकिन मौजूदा हालातों के कारण दुनिया के बड़े ब्रांड बांग्लादेश में व्यापार करना असहज महसूस कर रहे हैं। इन ब्रांडों ने अब भारत की ओर रुख करना शुरू कर दिया है, जिससे देश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बड़ा फायदा हो सकता है।
बांग्लादेश में बिगड़ते हालात
बांग्लादेश की गारमेंट इंडस्ट्री दुनिया में चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी है, जो वहां की जीडीपी में 11% का योगदान देती है। 80% रेवेन्यू एक्सपोर्ट से आता है।
राजनीतिक अस्थिरता: पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक दंगे बढ़ गए हैं।
हिंदुओं पर हमले: इन हमलों ने देश की स्थिरता को और प्रभावित किया है, जिससे निवेशक और व्यापारी चिंतित हैं।
अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों की वापसी: ग्लोबल ब्रांड बांग्लादेश से कारोबार हटाकर भारत जैसे स्थिर बाजारों में निवेश करने की योजना बना रहे हैं।
भारत के टेक्सटाइल हब को होगा फायदा
बांग्लादेश के संकट से भारत की कपड़ा इंडस्ट्री को बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।
सूरत की चांदी: गुजरात के सूरत में बड़े ब्रांडों ने रेडी-टू-वियर कपड़ों के प्रोडक्शन के लिए पूछताछ शुरू कर दी है। यदि ये पूछताछ ऑर्डर में बदलती है, तो सूरत की गारमेंट इंडस्ट्री की वृद्धि दर मौजूदा 12% से बढ़कर 20-25% हो सकती है।
अन्य शहरों को लाभ: सूरत के अलावा तमिलनाडु के तिरुपुर और कोयंबटूर, पंजाब का लुधियाना और उत्तर प्रदेश का नोएडा भी संभावित लाभार्थी हैं।
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर असर
बांग्लादेश की गारमेंट इंडस्ट्री में संकट से वहां के आर्थिक हालात और बिगड़ सकते हैं।
नौकरियों पर खतरा: इस इंडस्ट्री में गिरावट से लाखों लोगों की आजीविका छिन सकती है।
कर्ज की बढ़ती जरूरत: एक्सपोर्ट घटने से बांग्लादेश को बड़े पैमाने पर विदेशी कर्ज लेना पड़ सकता है।
‘दूसरा पाकिस्तान’ बनने की आशंका: विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हालात नहीं सुधरे, तो बांग्लादेश भी पाकिस्तान की तरह आर्थिक संकट में फंस सकता है।
भारत के लिए अवसर
बांग्लादेश में बने कपड़ों की वैश्विक मांग अब भारत की ओर शिफ्ट हो रही है। यह न केवल भारतीय टेक्सटाइल हब्स को बढ़ावा देगा, बल्कि रोजगार और आर्थिक वृद्धि के नए रास्ते भी खोलेगा। सूरत, तिरुपुर, लुधियाना और नोएडा जैसे शहर इस बदलाव के मुख्य केंद्र बन सकते हैं।
निष्कर्ष:
बांग्लादेश के मौजूदा संकट ने भारत की कपड़ा इंडस्ट्री को एक बड़ा अवसर प्रदान किया है। यदि भारतीय निर्माता इस मौके का सही इस्तेमाल करते हैं, तो भारत वैश्विक गारमेंट मार्केट में अपनी स्थिति और मजबूत कर सकता है।