Chaibasa (प्रकाश कुमार गुप्ता): प्रज्ञा केंद्र और सदर अस्पताल के नाम पर साइबर ठगी का मामला सामने आया है। अपराधी, सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर लोगों से ओटीपी साझा करवा रहे हैं और उनके बैंक खातों से पैसे उड़ा रहे हैं।
कैसे हो रही है ठगी?
साइबर अपराधी लोगों को फोन कर सरकारी सहायता राशि देने का लालच देते हैं।
उनके पास नाम, मोबाइल नंबर, पति का नाम, पता, बच्चे के जन्म की तारीख जैसी पूरी जानकारी होती है।
फोन पर ओटीपी मांगते हैं, जिसे साझा करने के बाद बैंक खातों से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
उनके पास नाम, मोबाइल नंबर, पति का नाम, पता, बच्चे के जन्म की तारीख जैसी पूरी जानकारी होती है।
फोन पर ओटीपी मांगते हैं, जिसे साझा करने के बाद बैंक खातों से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
प्रज्ञा केंद्र और अस्पताल पर सवाल
पीड़ितों के अनुसार, अपराधियों के पास जो जानकारी है, वह या तो अस्पताल और प्रज्ञा केंद्र से लीक हुई है या फिर सिस्टम हैक कर निकाली गई है। यह डेटा संवेदनशील है और इसके लीक होने से गरीब व जरूरतमंद परिवार सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
प्रशासन से जांच की मांग
स्थानीय लोगों ने इस गंभीर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
प्रज्ञा केंद्र और अस्पतालों में डेटा की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
दोषियों को जल्द पकड़कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
प्रज्ञा केंद्र और अस्पतालों में डेटा की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
दोषियों को जल्द पकड़कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
क्या करें अगर आप ठगी का शिकार हो जाएं?
1. किसी भी अज्ञात कॉल पर अपनी निजी जानकारी या ओटीपी साझा न करें।
2. ठगी का शिकार होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें और 24 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज कराएं।
3. नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराएं।
2. ठगी का शिकार होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें और 24 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज कराएं।
3. नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराएं।