पंचतीर्थ, संविधान दिवस और सामाजिक न्याय पर केंद्रित संगोष्ठी में उठी विचारों को व्यवहार में लाने की ज़रूरत
Chaibasa Political Event (प्रकाश कुमार गुप्ता) : भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को समर्पित “सम्मान अभियान” के तहत भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन चाईबासा में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य डॉ. अंबेडकर के विचारों, उनके समर्पण और संविधान निर्माण में उनकी भूमिका को आमजन तक पहुँचाना तथा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उनके सिद्धांतों की प्रासंगिकता को रेखांकित करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. भीमराव अंबेडकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके उपरांत उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया गया, जिससे कार्यक्रम को एक प्रेरणास्पद और विचारशील प्रारंभ मिला।
संगोष्ठी में वक्ताओं ने रखे महत्वपूर्ण विचार:
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि डॉ. अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में समानता और सामाजिक न्याय की भावना निहित है, लेकिन देश में कई बार ऐसी व्यवस्थाएं बनीं जो संविधान की मूल भावना से भटकीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने ‘पंचतीर्थ’ की स्थापना, संविधान दिवस की मान्यता और बाबा साहब को भारत रत्न से सम्मानित कर उनके योगदान को व्यापक पहचान देने का कार्य किया है।
पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि बाबा साहब के विचार आज भी अत्यंत प्रासंगिक हैं, और उन्हें केवल औपचारिकता तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक उनके विचार नीतिगत निर्णयों और सरकारी योजनाओं में समावेश नहीं होंगे, तब तक सामाजिक समरसता अधूरी रहेगी।
पूर्व मंत्री बंडकुंवर गागराई ने कहा कि संविधान में निहित समानता के अधिकार को केवल कागज़ों तक नहीं, बल्कि व्यवहार में भी लागू करने की ज़रूरत है। इसके लिए ज़मीनी स्तर पर ठोस नीतियों की आवश्यकता है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता जे.बी. तुबिद ने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” का मंत्र बाबा साहब के विचारों की जीवंत अभिव्यक्ति है। उन्होंने भाजपा द्वारा चलाए जा रहे जनजागरण अभियानों को सामाजिक समरसता के लिए महत्वपूर्ण बताया।
भाजपा जिला अध्यक्ष संजय पांडे ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता डॉ. अंबेडकर के विचारों को गांव-गांव और गली-गली तक पहुँचाने के लिए समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की आत्मा को समझे बिना सच्चे लोकतंत्र की स्थापना अधूरी है।
पूर्व विधायक गुरुचरण नायक ने शिक्षा प्रणाली में अंबेडकर के विचारों को और अधिक समाविष्ट किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों को उनके संघर्षों और योगदानों से अवगत कराएगा।
भाजपा नेता सनी पासवान ने कहा कि सामाजिक वंचना से मुक्ति पाने के लिए संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों की जानकारी और जागरूकता जरूरी है। उन्होंने इसे समाज के हर वर्ग के लिए सशक्तिकरण का रास्ता बताया।
गीता बालमुचू ने उपस्थित जनसमूह से आह्वान किया कि वे संविधान की रक्षा और बाबा साहब के विचारों को अपनाने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।

कार्यक्रम में रही कार्यकर्ताओं की बड़ी भागीदारी:
इस कार्यक्रम में भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से मालती गिलुवा, रूपा दास, हेमंती विश्वकर्मा, दीपक सिंह, हेमंत केसरी, चंद्र मोहन तियु, हर्ष रवानी, राकेश पोद्दार, दिलीप साव, अनंत सयनम, पवन शर्मा, मंगल हेंब्रम, महेंद्र गोप, रामानुज शर्मा, रविशंकर विश्वकर्मा, मुकेश सिंह, जूली खत्री, बिरजू रजक, गुल्लू कुमार, गंगा कांरवा, अक्षय खत्री, प्रफुल्ल महाकुड़, दुर्गा चरण नाग, अनिल दास, पप्पू महतो, जयकिशन बिरूली, वीरेंद्र कुमार सिंह, रोहित दास, अशोक कुमार तुम्बिल, मुकेश दास समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
निष्कर्ष:
इस संगोष्ठी के माध्यम से भाजपा ने यह स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की कि डॉ. अंबेडकर का योगदान केवल एक वर्ग तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है। कार्यक्रम के माध्यम से यह भी संदेश गया कि उनके विचारों और सिद्धांतों को व्यवहारिक रूप से लागू कर ही भारत को सच्चे अर्थों में समतामूलक समाज बनाया जा सकता है।