Elephant death in Jharkhand – सरायकेला-खरसावां जिला के नीमडीह प्रखंड के तील्ला के आमड़ा बेड़ा में एक विशालकाय हाथी की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई है। हाथी की मौत की सुचना मिलते ही डीएफओ शबा आलम अंसारी सहित वन विभाग के पदाधिकारी व पशु चिकित्सकों का दल घटनास्थल पर पहुंचे और कागजी प्रक्रिया के बाद पोस्टमार्टम कर जमीन में दफना दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि हाथी लगातार क दिनों से गांवों में आवाजाही कर रहे हैं। कई घरों को भी क्षतिग्रस्त किया गया है , वन विभाग ध्यान नही देते है । ग्रामीणों का कहना है कि बुधवार को भी हाथी को देखा गया था और आज मृत अवस्था में पाया गया।
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में कई हाथियों की मौत हो चुकी है
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में पिछले दो वर्षों में कई जंगली हाथियों की मौत हो चुकी है। यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर आला अधिकारियों को संज्ञान लेने की जरूरत है। हाथियों की मौत की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है,जो चिंता का विषय है। हाथी का संदिग्ध अव

क्षेत्र में लगातार हाथियों का उत्पात जारी है, ठोस नीति बनाने की जरूरत
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में लगातार हाथियों का उत्पात जारी है एवं हाथी मानव संघर्ष के साथ ही घरों और फसलों को क्षति पहुंचाई जा रही है। पिछले दो दिनों में कई जगहों पर दर्जनों ग्रामीणों के घरों को जंगली हाथियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को हाथियों की समस्या पर ठोस नीति बनानी चाहिए।
इधर अधिकारियों ने हाथी की मौत के संबंध में जांच करने की पहल शुरू कर दिया है । पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा। अब यह देखने वाली बात है कि हाथी की मौत कैसे और कब हुई है। वन विभाग इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करती है या रफा दफा कर दिया जाता है।