Jamshedpur Weather Update : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के रांची मौसम विज्ञान केंद्र ने जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्रों में सुबह के समय हल्के से मध्यम कोहरे और धुंध की संभावना जताई है। साथ ही, दक्षिण और मध्य झारखंड के कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना भी व्यक्त की गई है। इन भविष्यवाणियों ने क्षेत्र में मौसम के अस्थिर हालातों की ओर इशारा किया है।
मौसम विभाग ने इन बदलते हालातों का कारण पश्चिमी विक्षोभ को बताया है, जो वर्तमान में उत्तर पाकिस्तान और उसके आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती परिसंचरण के रूप में सक्रिय है। यह प्रणाली समुद्र तल से 3.1 से 5.8 किमी की ऊंचाई पर स्थित है। इसके साथ ही, ऊपरी क्षोभमंडल में एक ट्रफ भी मौजूद है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊंचाई पर है।
इसके अलावा, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उसके आसपास के क्षेत्रों में एक और चक्रवाती परिसंचरण 1.5 किमी की ऊंचाई तक फैला हुआ है, जो झारखंड और इसके आसपास के मौसम को प्रभावित कर रहा है।
अस्थायी रूप से बढ़ेगा न्यूनतम तापमान, ठंड फिर करेगी वापसी
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में अस्थायी रूप से बढ़ोतरी होने की संभावना है। हालांकि, यह राहत लंबे समय तक नहीं टिकेगी और रात का तापमान फिर से गिरने की उम्मीद है। इससे क्षेत्र के दक्षिण और मध्य जिलों में ठंड की लहर और तेज हो सकती है।
सुबह के समय कोहरा और धुंध दृश्यता को प्रभावित कर सकता है, जिससे यात्रियों और ड्राइवरों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। वहीं, कुछ इलाकों में हल्की बारिश से सड़कें गीली हो सकती हैं, जिससे सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
कृषकों और नागरिकों के लिए चेतावनी
मौसम विभाग ने दक्षिण और मध्य झारखंड के किसानों को हल्की बारिश और तापमान में गिरावट से फसलों की सुरक्षा के उपाय करने की सलाह दी है। साथ ही, नागरिकों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने और सुबह व रात के समय ठंड से बचने की सलाह दी गई है।
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के एक वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने कहा, “वर्तमान में न्यूनतम तापमान में वृद्धि चक्रवाती प्रणाली के प्रभाव के कारण है। लेकिन जब यह प्रणाली कमजोर होगी या आगे बढ़ेगी, तो ठंड अधिक तीव्रता के साथ लौटेगी।”
मौसम विभाग ने नागरिकों से दैनिक मौसम अपडेट पर नजर रखने और अपनी गतिविधियों की योजना इसी के अनुसार बनाने का आग्रह किया है, क्योंकि राज्य में चक्रवाती परिसंचरण और पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव जारी है।