झारखंड की थाली से ममता ने छीनी आलू, योगी ने परोसा
पश्चिम बंगाल से झारखंड में आलू की सप्लाई पर रोक लगातार जारी है। ममता बनर्जी की सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए झारखंड सहित अन्य राज्यों में आलू भेजने पर रोक लगा दी है। वहीं, उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से आलू की बढ़ती आवक ने झारखंड के बाजारों को थोड़ी राहत दी है।
थोक बाजार में कीमत घटी, खुदरा बाजार में राहत नहीं
उत्तर प्रदेश से आई सप्लाई के चलते रांची के थोक बाजार में आलू के दाम 3 रुपए तक गिर गए हैं। गुरुवार को थोक बाजार में 30 ट्रक आलू पहुंचे, जिससे बाजार सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, खुदरा बाजार में अभी भी आलू 40 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है।
बंगाल से सप्लाई पर सख्ती बरकरार
पश्चिम बंगाल ने आलू की सप्लाई पर रोक आठवें दिन भी जारी रखी। झारखंड-बंगाल सीमा पर डीबूडीह चेकपोस्ट पर सख्त निगरानी हो रही है। हर ट्रक की जांच के बाद उन्हें वापस बंगाल के गोदाम या कोल्ड स्टोरेज में भेजा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश बना संकटमोचक
झारखंड के व्यापारी अब उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से आलू मंगवा रहे हैं। धनबाद के व्यापारियों का कहना है कि बंगाल के आलू की गुणवत्ता बेहतर होती है, इसलिए उसकी डिमांड अधिक रहती है। लेकिन यूपी की सप्लाई से बाजार में अधिक उथल-पुथल नहीं हुई।
ग्राहकों को कब मिलेगी राहत?
भले ही थोक बाजार में दाम कम हुए हों, लेकिन खुदरा बाजार में इसका असर अभी तक नहीं दिखा है। ग्राहकों को सस्ती कीमत पर आलू मिलने के लिए बाजार की स्थिति सामान्य होने में अभी कुछ समय लग सकता है।
निष्कर्ष
झारखंड में आलू संकट की स्थिति में यूपी की सप्लाई ने राहत दी है, लेकिन बंगाल की रोक का असर पूरी तरह खत्म होने में समय लगेगा। तब तक ग्राहकों को महंगे आलू का सामना करना पड़ेगा।