Tata Electronics ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने कर्नाटक में विस्त्रॉन की यूनिट और चेन्नई में पेगाट्रॉन के आईफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में 60% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। इसके साथ ही, टाटा ग्रुप अब भारत का “फॉक्सकॉन” बनने की ओर अग्रसर है।
विश्लेषकों के अनुसार, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत की पहली कंपनी बन गई है जो वैश्विक मूल्य श्रृंखला (GVC) ऑपरेटर के रूप में उभरी है। $4.3 ट्रिलियन वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की सबसे बड़ी ताकत Apple के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग करना है।
फॉक्सकॉन से मुकाबला
भारत में Apple के आईफोन्स का 70% उत्पादन फॉक्सकॉन द्वारा किया जाता है, जबकि विस्त्रॉन और पेगाट्रॉन 30% का योगदान देते हैं। हालांकि, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपने उत्पादन क्षमता और कार्यबल को बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। जानकारों का कहना है कि टाटा ग्रुप आने वाले समय में फॉक्सकॉन के उत्पादन स्तर और कार्यबल (40,000 कर्मचारियों) को टक्कर दे सकता है।
टाटा की व्यापक रणनीति
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के सह-संस्थापक नील शाह के अनुसार, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) के प्रति दृष्टि व्यापक है। कंपनी न केवल आईफोन के लिए कंपोनेंट्स का निर्माण कर रही है, बल्कि अब सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन फैसिलिटी और चिप असेंबलिंग में भी कदम रख रही है।
टाटा ग्रुप की खुदरा चेन क्रोमा के जरिए ये उत्पाद बाजार में उपलब्ध होंगे। “टाटा ग्रुप की विशेषज्ञता मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और कंपोनेंट्स तक फैली हुई है, जो इसे अन्य कंपनियों से अलग बनाती है,” शाह ने कहा।
आईफोन का भारत से निर्यात
इस वित्त वर्ष (अप्रैल-अक्टूबर) के पहले सात महीनों में Apple ने भारत से ₹60,000 करोड़ के आईफोन का निर्यात किया है। यह पहली बार है जब Apple भारत में आईफोन 16 प्रो और प्रो मैक्स जैसे उच्च-मूल्य वाले मॉडल्स का निर्माण कर रहा है। इन मॉडलों का मूल्य अन्य मॉडलों की तुलना में 1.5-2 गुना अधिक है।
विशेषज्ञों की राय
EIIRTrend के सीईओ पारीक जैन का मानना है कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स न केवल Apple के लिए, बल्कि अन्य वैश्विक ब्रांड्स के लिए भी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग की योजना बना रहा है। टाटा ग्रुप के व्यापक नेटवर्क और सस्टेनेबल रणनीतियों से इसे वैश्विक बाजार में बड़ी भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का यह कदम न केवल भारतीय मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को मजबूती देगा, बल्कि इसे वैश्विक बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा। भारत में iPhone के उच्च-मूल्य वाले मॉडलों का निर्माण और निर्यात देश के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।