Yoga and Meditation benefits : ध्यान और योग के माध्यम से बच्चों के मस्तिष्क को जागृत कर उन्हें जीनियस बनाया जा सकता है। यह बात धर्माचार्य कृष्ण मोहन ने चाईबासा में आयोजित धम्मा मेडिटेशन एवं योगा क्लासेस के पारिवारिक संवाद कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि मिड ब्रेन एक्टिवेशन और क्वांटम स्पीड रीडिंग जैसी वैज्ञानिक पद्धतियों से बच्चों की स्मरण शक्ति, एकाग्रता और आत्मविश्वास में अद्भुत वृद्धि होती है।
कार्यक्रम का आयोजन टुंगरी स्थित नेहरू चौक के एटम इंस्टीट्यूट में किया गया। मुख्य अतिथि कृष्ण मोहन ने बताया कि धम्मा मेडिटेशन एवं योगा क्लासेस पिछले सात वर्षों से मिड ब्रेन एक्टिवेशन की भारत की प्राचीनतम विधा का प्रशिक्षण दे रहा है। वर्तमान में जमशेदपुर और जादूगोड़ा में इसका संचालन हो रहा है। अब चाईबासा में भी इसकी इकाई का शुभारंभ किया गया है।
मस्तिष्क विकास के लिए ध्यान आवश्यक
कृष्ण मोहन ने बताया कि ध्यान और योग के माध्यम से बच्चों की स्मरण शक्ति, एकाग्रता, और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इसके अलावा, क्वांटम स्पीड रीडिंग तकनीक से साधक बिना पुस्तक खोले उसे आत्मसात कर सकते हैं। मिड ब्रेन एक्टिवेशन से बच्चों की एकाग्रता और याद करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
आकर्षक प्रदर्शन से सबको किया प्रभावित
कार्यक्रम में जादूगोड़ा से आए साधक शिवराज मुर्मू, राम सोरेन, और रवि हेंब्रम ने अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर बंद आंखों से चित्र पढ़ने, रंगों और उपस्थित परिजनों की पहचान करने की कला का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन ने उपस्थित लोगों को ध्यान और योग के चमत्कारी प्रभावों से परिचित कराया।
साप्ताहिक कक्षाओं का आयोजन
कृष्ण मोहन ने बताया कि धम्मा मेडिटेशन एवं योगा क्लासेस हर रविवार को तीन घंटे की कक्षा आयोजित करता है, जिसमें 5 से 15 वर्ष के बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बच्चों को योग्य, आत्मनिर्भर, और आत्मविश्वासी बनाना है।
कार्यक्रम का संचालन धीमान वसील हेंब्रम ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन धीमान प्रताप बानरा ने दिया। कार्यक्रम में जादूगोड़ा धम्मा मिडब्रेन एवं योगा क्लासेस के संचालक खेलाराम मुर्मू, टूसा सरदार पब्लिक स्कूल के संस्थापक जदुनाथ तीयू, सनराइज स्कूल के संस्थापक संतोष सिन्हा, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।