Jharkhand Big Scam : Ranchi के खलारी थाना क्षेत्र में CISF ने स्क्रैप चोरी के बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। एनके एरिया के केडीएच कांटाघर पर स्क्रैप लदा एक ट्रक पकड़ा गया, जिसमें चोरी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे रिमोटनुमा डिवाइस का भी खुलासा हुआ है। CISF ने इस मामले को बड़े घोटाले की आशंका जताते हुए गहन जांच शुरू कर दी है।
वजन कम दिखाने के लिए रिमोट डिवाइस का इस्तेमाल
घटना तब सामने आई जब केडीएच कांटाघर पर स्क्रैप लदा ट्रक वजन कराने पहुंचा। शुरुआती वजन 42.705 टन दिखा, लेकिन कुछ ही देर बाद यह वजन घटकर 17.80 टन हो गया। CISF जवानों को शक होने पर दोबारा वजन कराया गया, जिसमें असली वजन फिर 42.705 टन निकला। जांच में ट्रक में काम कर रहे व्यक्ति के पास से पांच रिमोटनुमा डिवाइस बरामद हुए, जिनका इस्तेमाल कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने और वजन कम दिखाने के लिए किया जा रहा था।
राज मधु कंपनी पर शक
पकड़ा गया ट्रक राज मधु नामक कंपनी का है, जो एनके एरिया में स्क्रैप उठाने का काम करती है। पिछले दो महीनों में यह कंपनी रोहिणी, पूर्णाडीह, केडीएच और डकरा परियोजनाओं से लगभग 40 गाड़ियों में स्क्रैप ढुलाई कर चुकी है। CISF ने आशंका जताई है कि यह केवल मामूली चोरी का मामला नहीं, बल्कि करोड़ों रुपये के बड़े घोटाले का हिस्सा हो सकता है।
अधिकारियों में मचा हड़कंप
इस खुलासे के बाद सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। घोटाले में अधिकारियों की मिलीभगत की चर्चा तेज हो गई है। क्षेत्र में यह आशंका जताई जा रही है कि सीसीएल के भीतर से ही इस गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा था, जिससे कंपनी को भारी नुकसान हो रहा है।
सीसीएल अधिकारी बयान देने से कतरा रहे
घटना के बाद सीसीएल के अधिकारी बयान देने से बच रहे हैं। कई अधिकारियों ने फोन तक का जवाब नहीं दिया। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि मामले को लीपापोती करने की कोशिश की जा रही है।
CISF और पुलिस कर रही गहन जांच
पकड़े गए ट्रक और उपकरणों को खलारी पुलिस को सौंप दिया गया है। CISF और सीसीएल के सुरक्षा अधिकारी मामले की गहन जांच कर रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद इस घोटाले में शामिल बड़े नामों का खुलासा होने की संभावना है।
घटना ने क्षेत्र में मचाई सनसनी
इस घोटाले ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। लोग अंदेशा जता रहे हैं कि यह सिर्फ एक कंपनी का मामला नहीं है, बल्कि इसमें कई बड़े नाम शामिल हो सकते हैं। अब सभी की निगाहें CISF और पुलिस की जांच पर टिकी हैं।